देश भक्ति गीत-ऐ मेरे वतन के लोगों
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"देशभक्ति ऐ मेरे वतन के लोगों गीत का हल्बी अनुवाद "
आ.. आआ..
ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा आ.. ...
ब्लॉगर्स चौपाल 2
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तीर्थ यात्रा - दरस-परस बर हम आयेंन, मन के मनौती ल पायेंन सिहोर के दरस पायेंन, कुबरेश्वर के सरस पायेंन । कंकर-कंकर शिव के आशीष संग लायेंन ।। नलखेड़ा के परस कर आयेंन, ...
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होली - गुलालों के गुबार में रंगों की बौछार में रंगों जैसे हम खिले आओ हम सब गले मिलें होली के त्यौहार में... गीतों की बहार में ठहाकों के अंबार में खुशियों जैस...
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"दास्ताँ" - * “दास्ताँ”* *“मै खुद में अपनी इक पूरी दास्ताँ हूँ* *थोड़ा सा पूरा और कुछ अधूरा सा अरमाँ हूँ* *अपनी ग़ैरत के शीशे लिए फिरता हूँ* *पत्थरों के शहरों ...
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भोपाल में 'अंधा युग' - धर्मवीर भारती की कालजयी कृति 'अंधा युग' का किसी नाट्य समूह द्वारा अरसे बाद उठाया जाना और अपनी पहली ही प्रस्तुति को दर्शकों का हाउस फुल प्यार मिलना इस मोब...
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What a Bliss! - What a bliss it was To be with the sparkling frame Of your long lone days When the tinted lips of sinking sun Kept murmuring of its glorious journey...
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स्मृति प्रसंग - ये कैसी सुबह थी ये कैसी दुपहरी है न किरणों में उजियारा है न धूप में तपिश है लगता है मेरे साथ सूरज भी उदास है। दिन जब गुजर रहा है ऐसे इस दिन की शाम...
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जागव रे (सरसी छंद) - जागव रे जवान जागव रे, संगी मोर सियान। धरती गोहार लगावत हे, देवव अबतो ध्यान।। झन काँटव जंगल झाड़ी ला, धरती के श्रृंगार। सबो जीव के हवय बसेरा, जिनगी के आधार...
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कविता: युद्ध करता है अनथक मेहनत - देखो, सचमुच कितना भव्य है युद्ध! कितना तत्पर और कितना कुशल! अलस्सुबह वह साइरनों को जगाता है और एंबुलेंस भेज देता है दूर-दराज़ तक, हवा में उछाल ...
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फिर कोई - फिर कहीं एक ख्वाब ने आवाज़ दी है फिर कोई चेहरा उकर के आया है। फिर कहीं खोया सा रहता हूँ किसी में फिर कोई आवाज देने आया है। फिर कहीं ग़ुम है मेरे दिल की धड...
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सेठ जी की वसीयत और 17 घोड़े (भारतीय लोककथा) - किसी नगर में एक धनवान सेठ रहता था. उसके पास बेहिसाब दौलत थी लेकिन उसे सबसे ज्यादा प्यार अपने अस्तबल के 17 घोड़ों से था. घोड़ों की देखरेख में कोई कोर-कसर न रह...
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हेम के कुण्डलिया - हर कतरा ये खून का, बने एक वरदान। बार बार मैं रक्त का, दान करूँ भगवान। दान करूँ भगवान, जान बचते अपनो का। रहे सदा मुस्कान, किसी के जी सपनो का। कहे ह...
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Kiski Diwali - किसानों की तो बिलकुल नहीं है - योगेश मिश्रा October 15, 2017 इक्कीसवीं सदी में भारत दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होने वाला लोकतान्त्रिक राष्ट्र है। प्राइसवाटरहाउसकूपर्स का मानना है क...
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CGPSC invites application for the post of Homeopathy Medical officer- 2017 - CGPSC invites application for the post of Homeopathy Medical officer under Health and Family Welfare Department of Chhattisgarh government. Eligible c...
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गीत चतुर्वेदी के नए संग्रह से कुछ कविताएँ - इस साल पुस्तक मेले में एक बहु प्रतीक्षित कविता संग्रह भी आया. गीत चतुर्वेदी का संग्रह 'न्यूनतम मैं'. गीत समकालीन कविता के ऐसे कवियों में हैं जिनकी हर काव...
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Now in App vichar badalo duniya badalo - http://play.google.com/store/apps/details?id=com.kingsgray.vbdb1
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Demand to Shift the Paradigm in Education System - Schools, colleges and higher centers of learning are synonyms of the industries to produce individuals with positive traits, - positive interdependent and...
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चल मिटा ले फासले - कुछ गलतफहमियाँ है, तेरे मेरे दरमियाँ, चल मिटा लें फासले, कुछ गुफ़्तगू कर लें, रूठी रहोगी, आखिर कब तलक, मै इधर तड़पता हूँ, और तु उधर, मेरी मौजूदगी को यूँ, नजर...
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#पल पल ये पल - * पूर्वावलोकन * आमतौर पर लोकप्रिय राजनेताओं, प्रसिद्ध साहित्यकारों ...
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बालिका सुरक्षा का संकल्प ! - जब देवों के राजा कहे जाने वाले इंद्र ने गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या के साथ बलात्कार किया था तब भी यह समाज चुप था। शिला सी बन जाने की सज़ा अहिल्या को ही मिली...
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हेलमेट अनिवार्यता – सुरक्षा या वसूली... - कल सुबह सुबह दुकान के लिए घर से निकलते ही थोड़ी दूर जाने के बाद पुलिस ने मुझे पकड़ लिया... और कहा.. चालान बना इसका... मैंने पुलिस वाले से ये पूछा.. के सर.. ...
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मोदी क्यों जरुरी? - *मोदी क्यों जरुरी?* चुनाव की घोषणा हो चुकी है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर सुरु हो चूका है। हर राजनेता अपने आप को पाक-साफ और दूसरों को अपराधी सिद्ध करने...
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वो कमरा याद आता है - मैं जब भी ज़िन्दगी की चिलचिलाती धूप में तपकर मै जब भी दुसरों के और खुद के झूठ से थककर मैं सबसे लड़ के खुद से हार के जब भी उस इक कमरे में जाता था वो हलके ...
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डेयरी और खेती में उषा ने लिखी कामयाबी की नई इबारत - घर-परिवार तक सीमित रहने वाली उषा ने जब दो गायों के साथ दूध बेचने का व्यवसाय शुरू किया तब उसने सोचा भी नहीं था कि एक दिन उसके डेयरी फॉर्म से साढ़े तीन सौ ल...
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दक्षिणापथ 15- 30 april 2013 - *विकास की डगर, परिवर्तन की तैयारी* *-चुनावी यात्रा का दौर शुरू*- *दक्षिणापथ डेस्क * परिवर्तन और विकास, दो अलग-अलग ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर राज्य के मतदाताओं ...
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आशा ... - रोशनी के द्वार ही सुहाने होते है चौखट पे इसके, दूरियां कम हो जाती है अंधकार असमंजस है लक्ष्य की राह भी इसमें खो जाती है… क्षण क्षण गलना मोम की तरह विश्वासघात...
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शमशान के वो 60 मीनीट - मै आज भी उस दीन को याद करता हु जब एक व्यक्ती ने आ के बताया की बीरजु गुजर गया , उस समय मुझे एसा लगा जैसे इस दुनीया मे कई लोग पैदा हुए और फीर मर गये उसी त...
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कारगिल विजय :: भारतीय सेना के अदम्य साहस, संकल्प और दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक - *26 जुलाई - कारगिल विजय की 13 वीं वर्षगांठ पर विशेष* कारगिल युद्ध आजाद भारत के इतिहास में छद्म वेश में लड़ा जाने वाला पहला सीमाई युद्ध था साथ ही यह एक ...
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समय - नहीं रुका है, नहीं रुकेगा, सबको रोक बढ़ते रहा है द्रोण, भीष्म, सिकंदर आया सबको छोड़ अजेय रहा है. सूर्य चन्द्र हो या तारे उदय-अस्त के ये मारे, इसके आगे नभ है ...
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जन संघर्ष और राजनीतिक पेंच - प्रभाकर चौबे - *तीन* जून को बाबा रामदेव ने काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक दिन का अनशन किया। इस बार बाबा रामदेव की जितनी अनदेखी हुई उतनी पहले नहीं हुई थी- जितना प्रचार ...
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ये पोस्ट सवाल भी है और समस्या भी. (सुधीर तंबोली “आज़ाद”) - *"हम किस डगर जा रहे है.."आन्दोलन अपनी जगह है.,धंधा अपनी जगह..नया वित्तीय वर्ष शुरू हो गया.,शराब का ठेका नए - पुराने हाथो में ...
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केंद्रीय विद्यालय मे एडमिशन - *मित्रो आज सुबह सुबह जब मैं अपनी खटिया से उतर कर गरम चाय की अभिलाशा को मन मे लिए कमरे से बाहर निकाला तो हमारे आदरणीय तिवारी चाचा पहले ही मेरे घर पर गरम ...
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यमराज की दृष्टि - एक बार यमराज की इच्छा हुई की पवित्र नगरी काशी के दर्शन किये जाये। वे चित्रगुप्त के साथ काशी पहुचे। काशी के राजा ने सपरिवार उनकी सेवा सत्कार की। उन्हें अपने...
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मेरी एक कविता"शहर गाथा -दो " - * शहर गाथा -दो* शहर बेहद व्यस्त इस बार रात की पकड़ से फिर गायब हो गया मेरी थकान पर टिप्पणी किये बिना मैं रेलवे कुली के हाथ का उ...
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